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सोमवार, 24 जुलाई 2017

9 July 2017

उत्तर प्रदेश के नवाबों के शहर "लखनऊ" और मध्य प्रदेश के जंगल वाले "सागर" के बीच का रोचक संवाद पढ़िए, उजड़ते जंगल की चिंता देखिये।
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लखनऊ - सागर में जंगल हैं ?
सागर - अब कहाँ ! मध्य प्रदेश का बड़ा हिस्सा जंगल ही था कभी !
लखनऊ - आंशिक भी नही ?
सागर - अब तो जंगली बचे हैं , इन्ही की वजह से जंगल न बचे
हर तरफ घर, मकान, रोड , बाज़ार !
लखनऊ - क्या इतने भी नही रहे कि कहा जा सके " सागर में जंगल हैं " ?
सागर - नही सच्ची !
लखनऊ - कब तक थे ?
सागर - कोई एक साल तो नही बता सकते, ये सब धीरे धीरे खत्म हुआ !
लखनऊ - जैसे लखनऊ में नवाब थे वैसे ही सागर में जंगल थे कभी, क्या इतना समय हो गया होगा ?
सागर - जंगलों के अस्तित्व अभी भी है, नवाब अब कहाँ बचे !
लखनऊ - जंगल और जंगल का अस्तित्व अलग अलग है ?
सागर - अरे जैसे हम लोग बचपन में किताबों में पढ़े होते है, अफ्रीका के देखे होते है बढ़िया जंगल, उनमे जंगली जानवर भी, जंगली क्षेत्र भी वैसे नही हैं अब, सागौन के जंगल थे यहाँ । जंगलों के अस्तित्व तब तक बचा रहा जब तक छत्तीसगढ़ जुड़ा था !
लखनऊ - अच्छा फिर अब बचा क्या है... कीकर ?
सागर - साल, कीकर, तेंदू ही हैं और अब सरकार बबूल लगवा रही है !
लखनऊ - अच्छा आखरी सवाल, कौतूहल वश पूछना है
सागर - पूछिये
लखनऊ - सागर में जंगल हैं ?
सागर - जी, आईयेगा यहां कभी, तब मेरी बात समझ में आएगी !

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