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शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

तुम कौन हो ?


रंग ने रंग से मेल किया 

निखर गए सब रंग 

मौसम , बारिश 

पानी , फसलें 

गए जो देखने संग .



बिंदी  

सफ़ेद बिंदी , लाल बिंदी 

पीली , हरी मैरून बिंदी 

टंगी पानी से छल छलाते 

सख्त ललाट पर 


घने जंगलों के 

ठीक भीतर 

सबसे ऊँची चोटी पर 

एक परिंदा रहता है 


देखने वाले महसूस होते दृश्यों ने 

बराबर की  दूरी रखी 

बोलना शांत हो जाता रहता 

बिंदियों के आकार पर 

न जाने बिंदी चाँद क्यों 

हो जाती है . 


बिंदियाँ रहती हैं 

नहीं होने पर भी 

जैसे चाँद नहीं रहता 

एक दिन . 



सुन्दर वन सी तुम 

डूबती समंदर में 

वन लता तुम कौन 

चढ़ती ऊँचें आकाश में 

पृथ्वी लिए ललाट पर 

तुम्हारी काया 

लिपट जाती है 

हरे से 

नीले से 

सुनहरी किरणों से .

शनिवार, 8 अगस्त 2020

गीत

कोई जो मुझे देखे .... याद ना आए ए ए ए 

कोई जो मुझे रोके .... साथ तो आए 

कोई ज़रा ..

कोई ज़रा ...

कोई ज़रा आ आ 

अकेला हूँ ... चला मैं अकेला 

साथ हैं साथी मिले गा सवेरा ...

बरसता हूँ बन के बादल 

गरजता हूँ बनूँ मैं हलचल 

मैं कागज़ हूँ 

कोई ज़रा 

ज़रा ज़रा .

मैं आ रहा हूं ... #imamdasta

  जो सिनेमा हमारे नज़दीक के थिएटर या ओ टी टी प्लेटफार्म पर पहुंचता है । वह हम दर्शकों को तश्तरी में परसा हुआ मिलता है । 150 से लेकर 600 रुपए...