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शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

WOK !

 


हाय ! 

हेल्लो ! ( लड़के ने अभीवादन स्वीकारते हुए एक मुस्कान से बात खत्म करने की कोशिश की  ) 


लड़की ने सर झुका सिगरेट को कस के उंगलियों के बीच में दबाया। और कान में लगे इयर फोन्स को सुनने लगी । 

सामने के सोफे पर लड़का भी न जाने किस धुन पर पैर हिलाता रहा । 


धीरे धीरे शेयर इन कैफे में लड़कों की आमद बढ़ती रही । 

लड़की बिंदास कश पर कश लगाए उन नयन बंकुड़ो को इग्नोर करती रही । 

शेयर इन कैफे का नाम तो शेयर से ही पड़ा हो शायद । पर छोटे शहर के कैफे की क्षमता किसी लड़की को सोफे पर लड़कों की तरह सुट्टा मारते देखने की अभी नई पनपी थी । 

व्हेयर आर यू फ्रॉम ? लड़की ने सामने बैठे लड़के से पूछा । 

लड़के ने जवाब दिया । हेयर ओनली । 

दोनों एक दूसरे के सामने बैठे मूक अपने अपने आखरी कश तक चुप बैठे रहे । सिगरेट के खत्म होने के कुछ और सेकंड के बाद लड़का उठता है । और लड़की की उठती नजरों से तालमेल बिठा कर । इशारों में पूछता है !

लड़की एक उंगली उठा कर इशारा करके वन मोर की लिप्स रीडिंग करती है । 

लड़का बिना पूछे । अपने ब्रांड की सिगरेट ला कर लड़की की ओर बढ़ा देता है । और लाइटर से उसके होंठ में दब चुकी सिगरेट को जलाने झुक जाता है । उसकी जला कर । अपने सोफे में बैठ जाता है । 

कुछ एक कश के बाद दोनों के बीच बिना किसी आधार के संवाद शुरू हो जाता है।  

उस शाम की आखरी सिगरेट को खत्म होते होते । दोनों एक दूसरे का नाम , काम और कॉन्टैक्ट नंबर शेयर कर चुके थे । उन्हें याद रहा किस तरह कुछ लड़के कैसे घेर के तेज तेज बातें करने लगे थे । 


दोनों अपने अपने रास्ते घर को चल दिए थे । दूसरे दिन शाम को लगभग उतने ही समय दोनों फिर शेयर इन में होते हैं । दोनों की सिगरेटों के साथ लड़की कुछ कुछ गाली के साथ खुलती है । जैसे उसके भीतर से किसी ने तेज़ाब उड़ेल दिया हो । वो खुल के रोती रही उन दो सिगरेट के बीच । 

छोटे शहर के संस्कार उसे जीने नही दे रहे थे । और बड़े शहरों का ताप उसे बर्दास्त नही हो रहा था । 

उसे वाकई शेयर इन के लम्हे भावुक कर रहे थे । जैसे उस शहर में उसे कोई सुनने वाला ही न बचा हो पीछे। 

लड़का सतर्क रहता । वो पहले भी ऐसी कई जिंदगियों में प्रवेश कर चुका था । जहां से निकलने का रास्ता सिर्फ किसी एक के लिए होता है । दूसरा डूब ही जाता है । 

  दोनों के बीच संदेशों का आदान प्रदान चलता रहता है । लड़की मास कॉम की छात्रा है । और शहर की ऊट पतंग जिंदगी से आज़ीज़ आ कर इस तरफ रुख की थी ।और लड़का अधेड़ उम्र का शादी शुदा बच्चे वाला । इन तथ्यों को उजागर होने की गुंजाइश दोनों ने नही छोड़ी थी । दोनों के व्यक्तिगत जीवन में क्या चल रहा है । इन बातों से इतर लिखने लिखाने की बातें होती रही । 

    लड़की को लिखने की जरूरत लड़के को जरूर महसूस होती । वो बार बार लड़की से जीवन की पहेलियों को लिखने के लिए बोलता । एक दिन लड़की ने कुछ अंग्रेजी में लिख कर भेजा था । " वोक " । इस शब्द के अर्थ और उसके नीचे लिखी पंक्तियां लड़के के समझ से बाहर थी । लड़के को अंग्रेजी बहुत कम आती थी । पढ़ने की कई बार कोशिश की । पर उस लिखे का अर्क समझ आ गया था उसको । उसने कुछ आखरी पंक्तियों पर टिप्पणी कर जता दिया कि उसने पढ़ा है । 

लड़के को पढ़ना एक दम पसंद नही था । पढ़ने से चीजें गहरे उतरती हैं । और चोट करती हैं । पर लिखने से ? 


इस पढ़ने लिखने के चक्कर में दोनों बात करने के मौके तलाशते । कभी कभी सिगरेट या लड़की को भाषा में ड्रैग पर भी चर्चा होती । दोनों ने शेयर इन कैफे जाना छोड़ दिया था । 

लड़की की गाली से भरी बातें , सिगरेट का हक से सिगरेट पीना और दुनियादारी की परवाह न करना । लड़के को भाता था । लड़की को उसको उकसाने वाला चाहिए था । जो उसको उस ज़िंदगी से बाहर निकालने के लिए झकझोर दे।  


वो बताती थी । उसके घर वालों ने उसका निकलना बंद कर दिया है । और तमाम सारी बंदिशें थोप दी गई उसके ऊपर । लड़की के इर्द गिर्द पुरुषों का समाज ऐसे ही दिखता था । लड़कों के व्यवहार में लड़कियां अच्छी नहीं लगती । फिर भी वह बाहर निकलती है । जिमजाती है । और दिन प्रतिदिन प्रतिरोध जताती । 


क्रमशः ....

2 टिप्‍पणियां:

हरीश कुमार ने कहा…

सुन्दर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अच्छा प्रवाह है लेखन में |

मैं आ रहा हूं ... #imamdasta

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