पात्र परिचय.......!
दो हम उम्र बच्चियां, एक जमीन पर माइक साधे, दूसरी चार बांसों के सहारे 10 फुट की ऊंचाई पर हवा में 30 मीटर रस्सी पर करतब दिखाती। एक सी भेषबुषा, दो चोटी...माथे पर छोटी सी बिंदी, पतले से होंठों पर लिपस्टिक, हांथों में प्लास्टिक की रंग बिरंगी चूड़ियां, लाल रंग का कुर्ता और गज भर की मुस्कान लिए गजब की चुस्ती फुर्ती। उनके साथ एक युवा महिला जो खेला के सुरक्षित होने पर अपनी पारखी नज़र रखती है।
आकर्षण
(अलग अलग खेला के लिए अलग अलग फिल्मी गाने भोम्पू से बजते हैं, दोनों बच्चियों के बीच लोक भाषा में संवाद भी लय बद्ध कोई संगीत सा बजता है। बच्चियों के करतब हैरान करने वाले होते हैं, जो बिना संगीत के नही हो सकते, पूरा खेला आंखों, कानों, दिल को बांधे रखता है)
******* खेला शुरू *******
संवाद...
* नीचे माइक पकड़े लड़की : खेला दिखाएगी किया ?
- ऊपर रस्सी पर चलती लड़की : हाँ दिखायेगीया...रस्सी पर चलकर दिखायेगीया...खड़े होकर झूल के दिखायेगीया...!
खेला - 1
(दोनों हांथों में बांस से संतुलन बनाते हुए, हवा में रस्सी पर इधर से उधर चलती, कभी दाएं बाएं, कभी ऊपर नीचे...पैरों के अंगूठे और उंगली की पकड़ से रस्सी पर झूलती है)
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संवाद....
* अब कौन सा खेला दिखाएगी ?
- कलश वाला दिखायेगीया...!
* खेला में पास हो जायेगीया, कलश तो नही गिरायेगीया ?
- नही गिरायेगीया, पास हो जायेगीया...!
खेला - 2
(सर पर पांच कलश रखे हुए, लड़की दोनों हांथों बॉस से संतुलन बनाते हुए रस्सी पर चल के खेला पूरा करती है)
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संवाद....
नीचे माइक वाली लड़की : पास हो गईया...! अब कौन सा खेला दिखायेगीया...?
ऊपर रस्सी पर चलती लड़की : चप्पल वाला दिखायेगीया !
*खेला में पास हो जायेगीया ? खुद तो नही गिरेगिया..?
- पास होकर दिखायेगीया..नही गिरेगिया...!
खेला - 3
(सर पर पांच कलश रखे लड़की चप्पल पहने रस्सी पर संतुलन बनाते एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंच कर वापस आती है, इस बार चप्पल होने के कारण पैर के अंगूठे की पकड़ रस्सी पर नही है, जो और कठिन है)
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संवाद....
* अब कौन सा खेल दिखायेगीया ?
- थाली वाला दिखायेगीया..!
* पास होकर दिखायेगीया, थाली तो नही गिरायेगीया ?
- पास होकर दिखायेगीया...!
खेला - 4
(सर पर पांच कलश, ऊपर हवा में लटकती रस्सी के ऊपर थाली, थाली में दोनों घुटनों के बल लड़की बांस पकड़े संतुलन बनाती है, दोनों पैरों को रस्सी से सटाये, पैरों के अंगूठे और उंगली से रस्सी को फंसाये आगे की ओर सरकती है। 40 मिनट में 30 मीटर लंबी रस्सी के एक छोर से दूसरे छोर पर थाली से सरकती है )
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संवाद...
* पास हो गईया...अब कौन सा खेला दिखायेगीया...?
- साइकिल के पहिये वाला खेला दिखायेगीया...!
* पास होके दिखायेगीया, पहिया तो नही गिरायेगीया ?
- पास होके दिखायेगीया...!
खेला - 5
(सर पर पांच कलश, ऊपर रस्सी पर बांस से संतुलन बनाते हुए दोनों पैरों में साइकिल के पहिये की रिम फंसाये, पैर के अंगूठे और उंगलियों के सहारे पहिये को रस्सी पर आगे ढुंगाती है, 20 मिनट में रस्सी के एक छोर से दूसरे छोर पर)
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संवाद...
* पास हो गईया...बहादुर लड़की हइया....सर्कस खूब दिखाईया...! आंटी, अंकल, भैया, बाबा का खूब पसंद हइया...!
सब ने 10 - 20 रुपइया दिया...सबका लाखों रुपइया का फाईदा हो, हम गरीबन की यही दुआ...!
(खेला खत्म होता है, सिमट कर साइकिल पर सवार दूसरी जगह के लिए निकल जाता है)
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