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सोमवार, 14 अगस्त 2017


हिंदी दैनिक राष्ट्रीय प्रस्तावना के 15 अगस्त 2017 के अंक में प्रकाशित

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मालकिन / कहानी

निकल जाओ मेरे घर से बाहर . अब तुम्हारा यहाँ कोई काम नहीं है . तुम सर पर  सवार होने लगी हो . अपनी औकात भूलने लगी हो . ज़रा सा गले क्या लगा लिय...