हम्म !
जब से तुम
मर गयी हो,
तबसे
मैं तुम्हें जीने लगा हूँ
तुम वाकई
मर गई हो न ?
फिर, मैं ज़िन्दा कैसे !
जब से तुम
मर गयी हो,
तबसे
मैं तुम्हें जीने लगा हूँ
तुम वाकई
मर गई हो न ?
फिर, मैं ज़िन्दा कैसे !
कौन हो तुम जो समय की खिड़की से झांक कर ओझल हो जाती हो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे ताज़ा निशान भीनी खुशबू और गुम हो जाने वाला पता महस...
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