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गुरुवार, 6 अप्रैल 2017


बच के रहना अपनों से


बच के रहना अपनों से
अपनों की, सुंदरता पर तारीफों से
अपनों की, सुरक्षा की तैयारियों से
अपनों की, पहरेदारियों से

अपनों की, फिक्रमंदियों से

अपनों की, नाराज़गियों से


हालाँकि बचने के बाद
संभावनाएं प्रबल हैं
तुम टांग दी जाओगी
किन्ही अपनों के द्वारा
अपने ही घर में
या अपनी सड़क पर
अपने मोहल्ले में,अपने शहर में
अपने गाँव में
अपने देश में

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