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शुक्रवार, 23 मार्च 2018


क्या ये नाटक है ?

भीड़ तमाशा देख रही
चोर तमाशा देख रहे 
फिर भी घण्टी बजती है
लुटने की, लुटवाने की ! 

नाटक है ? क्या ये नाटक है ? 

भोम्पू भों भों भौंक रहे 
सुनने वाले छौंक रहे
भजनदास जी कहते हैं
भजनू, भजना, भजनदास !

नाटक है ? क्या ये नाटक है ?

नाज़ुक नाज़ुक कहते कहते
पंजों में नाखून पहन कर
वो गीत राष्ट्र के गाते हैं
गाते नहीं..... ! गवाते हैं !

नाटक है ? क्या ये नाटक है ?

जन से खाली जन नायक
काली कुर्सी - काला खेल
सफल हुए तो, हरि गंगा
विफल हुए तो जनता फेल

नाटक है ? क्या ये नाटक है ?

घोर निराशा की बदरी में
पानी घट घट बढ़ता जाए
ऊसर की धरती कहती है
मिट ले तू, मैं भी मिट लूँ  !

नाटक है ? क्या ये नाटक है ? 

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