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बुधवार, 29 जून 2022

मौसम था वो !


मौसम था वो 
देखा नही ?
कैसे कहूं 
भुला नहीं !

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पापा की कविता !

 पापा बड़े कवि हो रहे हैं  वो बग़ैर किसी चिंता के  कविता लिख रहे हैं  रोज सुबह दोपहर शाम  दर्जनों कविता लिखते एक के ऊपर एक कविता स्टेटस पर लग...