कुल पेज दृश्य

शनिवार, 15 मई 2021

माफ़ करना ! मैंने कहा प्रेम



 प्रेम कहना

और उड़ लेना

ततैये के पंख पर

हो लेना 

हवा के साथ


समय से दूर

उस व्यक्ति से भी

जिससे आप प्रेम करते हैं।


बचा के रखना होता है

प्रेम को

उन पलों के लिए

जिनकी साख पर

क्रूर हांथों वाली

जानलेवा महामारी 

तांडव करती है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

नागरिकता !

भारत का नागरिक होने के नाते मैं और मेरी नागरिकता मुझसे सवाल नहीं करती  मैं हिन्द देश का नागरिक हिंदू परिवार का हिंदुस्तान  यूं ही नहीं बना म...