प्रेम कहना
और उड़ लेना
ततैये के पंख पर
हो लेना
हवा के साथ
समय से दूर
उस व्यक्ति से भी
जिससे आप प्रेम करते हैं।
बचा के रखना होता है
प्रेम को
उन पलों के लिए
जिनकी साख पर
क्रूर हांथों वाली
जानलेवा महामारी
तांडव करती है ।
फिर झुंझलाकर मैने पूछा अपनी खाली जेब से क्या मौज कटेगी जीवन की झूठ और फरेब से जेब ने बोला चुप कर चुरूए भला हुआ कब ऐब से फिर खिसिया कर मैन...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें