वो कहीं डर के छिपे है
मेरी किस्मत की तरह ...
बात दो बात की हामी
मेरी फितरत ही कहां...
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प्रिय मां , मां तीसरा दिन है आज तुम्हे गए हुए । तीन दिन से तुम्हारी आत्मा को शांति देने के लिए न जाने कितने प्रयत्न कर लिए हमने । पर तुम्हा...
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