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गुरुवार, 17 नवंबर 2022

अच्छे वक़्त के इंतज़ार में !

नए सिरे से
हफ़्तों, महीनों , सालों  को
लगाना शुरू किया
शीशे की अलमारी में

किताबों को कब  का
खाली कर  दिया
घड़ी की सुईंयों से
बीत चुके की
चुगली न करने की हिदायत
रवायतन दे दी

ग्रहों की दशाओं से
माँगना अब छोड़ दिया

भीतर उफनाई नदी से
ढेर सारा वक़्त ले


दुबक कर बैठा हूँ 
अच्छे वक़्त के इंतज़ार में !

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