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सोमवार, 13 जनवरी 2014

लकीर सीधी अच्छी नहीं होती !

बिना मुड़ी तुड़ी सीधी सादी 
लकीर, किस काम की ?
न चाहत कि आकृति बनाने कि गुंजाईश
न अपेक्षाओं का अंत। 
बड़े जतन से नन्हे हांथो से 
सीखा था 
सीधी लकीर बनाना 
विशवास और अपनेपन 
कि स्याही से
और गाढ़ा करता रहता हूँ इनको
हर कोशिश करता हूँ उन्हें
मजबूत बनाने कि।
हर बार चौड़ी होती लकीरों को
कोई बड़ी लकीर कर देती है
छोटा
उसके बढ़ने से मैं और छोटा होता जाता हूँ।
फिर पीटता रह जाता हूँ दूर से
खुद से ही बनायीं हुयी लकीर को
बढ़ती लकीरों को देखता रहता है
ये लकीर का फ़कीर
लकीर से एक बिंदु होने तक
सच ही तो है
लकीर सीधी अच्छी नहीं होती .....प्रभात

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