हर सांझ छुट्टी की
गलियारे में कहीं
भूसौरी के पास
दूध दूहती अम्मा
कहती "ला उरे
ग्लास लइया अपनी
ग्लास में झाग वाला दूध
दूध वाली मूंछें लिए
पूरे आंगन में नाचता
अम्मा से शाम की
कच्चोंनिया का भी
वादा कर लेता
अम्मा दूध घी
को पहचानती
और 10 बच्चों में
मुझे सबसे ज्यादा
आज अम्मा कई दिनों से
वेंटीलेटर पर है
बेसुध , हांथ से अनजाने
निकालती अनगिनत नलियां
अपने शरीर से
मैं घर पर अम्मा के लिए
कई दिनों से दूध से
दही , दही से मठ्ठा
और मट्ठे से नयनू
निकालने की कोशिश में
परेशान हूं
अम्मा को अपने हांथ का
बिलोने वाला घी
चखाना चाहता हूं
थक कर चूर बैठता हूं
घर में , अम्मा के कमरे में
हिम्मत से खाली
मैं कुछ नहीं कर सकता
आई सी यू में डॉक्टर
के अलावा कोई कुछ
नहीं कर सकता
खबर आती है
अम्मा ने कई दिनों से
आंख नहीं खोली है
मुंह से बोल नहीं फूटते
अम्मा के दस बच्चों में
से 9 हैं उसके आस पास
मैं दूर अम्मा की नकल करता
प्रार्थना करता
अम्मा के लौट आने का
ग्लास हांथ में लिए
खाली !
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