निकला हूं मैं दिन खर्चने
थोड़ा नमक थोड़ा सुकून
थोड़ी सी ले परेशानियां
निकला हूं मैं दिन खर्चने
निकला हूं मैं दिन खर्चने
बहती यहां नदियां नहीं
कोयले भी अब जलते नही
खलती है मुझको उधारियां
निकला हूं मैं दिन खर्चने
निकला हूं मैं दिन खर्चने
ये देखा वो देखा
उसका ठेका इसका ठेका
पेलम पेल चले है रेल
आगे निकले जाए तेल
धोखा है सब धोखा
गली ने सबको रोका है
फिर काहे का छौंका है
मैने छोड़ी जिम्मेदारियां ....
निकला
हूं मैं दिन खर्चने ...
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