कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 19 सितंबर 2024

निकला हूं मैं दिन खर्चने

 

निकला हूं मैं दिन खर्चने

थोड़ा नमक थोड़ा सुकून 

थोड़ी सी ले परेशानियां 


निकला हूं मैं दिन खर्चने

निकला हूं मैं दिन खर्चने 


बहती यहां नदियां नहीं 

कोयले भी अब जलते नही

खलती है मुझको उधारियां 


निकला हूं मैं दिन खर्चने 

निकला हूं मैं दिन खर्चने 


ये देखा वो देखा 

उसका ठेका इसका ठेका 

पेलम पेल चले है रेल

आगे निकले जाए तेल

धोखा है सब धोखा 

गली ने सबको रोका है 

फिर काहे का छौंका है 


मैने छोड़ी जिम्मेदारियां ....


निकला

 हूं मैं दिन खर्चने ...


कोई टिप्पणी नहीं:

निकला हूं मैं दिन खर्चने

  निकला हूं मैं दिन खर्चने थोड़ा नमक थोड़ा सुकून  थोड़ी सी ले परेशानियां  निकला हूं मैं दिन खर्चने निकला हूं मैं दिन खर्चने  बहती यहां नदिया...