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रविवार, 15 अक्टूबर 2017
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मालकिन / कहानी
निकल जाओ मेरे घर से बाहर . अब तुम्हारा यहाँ कोई काम नहीं है . तुम सर पर सवार होने लगी हो . अपनी औकात भूलने लगी हो . ज़रा सा गले क्या लगा लिय...
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रानीखेत….रानीखेत से यूँही कुछ 20 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव है सौनी, वही सौनी जिसकी हर एक ईंट पर स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव का आशीर्वाद है...
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भारत का नागरिक होने के नाते मैं और मेरी नागरिकता मुझसे सवाल नहीं करती मैं हिन्द देश का नागरिक हिंदू परिवार का हिंदुस्तान यूं ही नहीं बना म...
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लौट आता हूं मैं अक्सर उन जगहों से लौटकर सफलता जहां कदम चूमती है दम भरकर शून्य से थोड़ा आगे जहां से पतन हावी होने लगता है मन पर दौड़ता हूं ...
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