ठहर कर
एक पल
मादक वसंत
झरने सा
झर झर
बह गया
लहर कर
गाल ऊपर
बाल काले
मोहक छवि
को गढ़ गया
दुबक कर
आंख का
काजल
सुनहरे
मोतियों
में ढल गया
गुलाबी
नर्म होंठों पर
न जाने
कौन सा
किस्सा
अधूरा रह गया
ठहर कर एक पल मादक वसंत झरने सा झर झर बह गया लहर कर गाल ऊपर बाल काले मोहक छवि को गढ़ गया दुबक कर आंख का काजल सुनहरे मोतियों में ढल गया गुल...
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