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रविवार, 16 मार्च 2025

एअर फोर्स की होली


याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली

धूम मचाने जहां निकलती

 बिंदास बैचलर्स की टोली

याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली


मिश्रा भाभी का मीठी गुजिया से

मुंह मीठा करवाना

दही बड़े जो बड़े बड़े थे

गुप्ता जी के घर पर

हक जमाकर प्लेट उठाकर

झट से चट कर जाना

यादव सर का दुध का शर्बत

कहकर भांग पिलाना

इसी खुमारी में रेड्डी का

सी ओ संग भंगडा पाना

राव गारू की इडली चटनी

चौबे का लिट्टी चोखा

मलिक और राठी के घर पर

हर बार मिला जो धोखा

दिखा पकौड़े, डंडे कोड़े

मुहब्बत भरे खिलाना

पिल्लै सर का लिटिल लिटिल

कहकर हमें पिलाना

अहमद और जैकब का हैप्पी

होली कहकर गले लगाना

गुलाल लगाकर रफीक का

मेरे बदले ड्यूटी जाना

भूला कहां मैं शेखावत का

वो रजपूती बाणा

 बिना सुर के सांझ ढले तक

उसका राजस्थानी गाना


लगा एक कैंप नहीं

एक परिवार हैं हम

संग संग जीने का 

आधार हैं हम

एक इकाई, पड़ी दिखाई

भले संस्कृति रही 

सबकी अलग अलग

अलग अलग रही सबकी बोली

याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली

धूम मचाने जहां निकलती

बिंदास बैचलर्स की टोली.


वायु सेना की यादें,,,,,,,



प्रताप सिंह 

रि. वायु सैनिक 

भारतीय वायु सेना 

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