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रविवार, 23 मार्च 2025

मैं लौट आता हूं अक्सर ...




लौट आता हूं मैं अक्सर 

उन जगहों से लौटकर

सफलता जहां कदम चूमती

है दम भरकर 


शून्य से थोड़ा आगे

जहां से पतन हावी

होने लगता है मन पर

दौड़ता हूं सफलता की ओर

फिनिशिंग प्वाइंट के ठीक पहले

ठिठककर रोक लेता हूं 

खुद को वहां भी 

ठहरकर , जाने देता हूं

जरूरतमंदों को पहले


नौकरी की लाइनों से

अस्पतालों की ओ पी डी से

राशन की दुकानों से

जनप्रतिनिधियों के दरबार से

प्रेमिकाओं के प्यार से 

मंदिरों में कतार से

लौटता हूं अक्सर 

जैसे लौटता हूं

शराब की दुकानों से 

बिना कुछ लिए


मालूम है मुझे

नहीं लौट पाऊंगा कभी

मृत्यु के द्वार से 

प्रस्थान बिंदु के पहले 

अनगिनत बार 

लौटना चाहता हूं 

लौट कर हर बार 

कुछ नया पाता हूं 

उस जगह 


रिक्त स्थान होते हैं 

सिर्फ भरने के लिए 

खुद को भरने से पहले

लौट आता हूं मैं अक्सर

लौटना मुझे अच्छा लगता है ।

मंगलवार, 18 मार्च 2025

किस्सा प्रेम का ...



 ठहर कर

एक पल

मादक वसंत

झरने सा 

झर झर 

बह गया

लहर कर

गाल ऊपर

बाल काले

मोहक छवि

को गढ़ गया

दुबक कर

आंख का

काजल

सुनहरे

मोतियों

में ढल गया

गुलाबी

नर्म होंठों पर

न जाने

कौन सा 

किस्सा

अधूरा रह गया


रविवार, 16 मार्च 2025

एअर फोर्स की होली


याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली

धूम मचाने जहां निकलती

 बिंदास बैचलर्स की टोली

याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली


मिश्रा भाभी का मीठी गुजिया से

मुंह मीठा करवाना

दही बड़े जो बड़े बड़े थे

गुप्ता जी के घर पर

हक जमाकर प्लेट उठाकर

झट से चट कर जाना

यादव सर का दुध का शर्बत

कहकर भांग पिलाना

इसी खुमारी में रेड्डी का

सी ओ संग भंगडा पाना

राव गारू की इडली चटनी

चौबे का लिट्टी चोखा

मलिक और राठी के घर पर

हर बार मिला जो धोखा

दिखा पकौड़े, डंडे कोड़े

मुहब्बत भरे खिलाना

पिल्लै सर का लिटिल लिटिल

कहकर हमें पिलाना

अहमद और जैकब का हैप्पी

होली कहकर गले लगाना

गुलाल लगाकर रफीक का

मेरे बदले ड्यूटी जाना

भूला कहां मैं शेखावत का

वो रजपूती बाणा

 बिना सुर के सांझ ढले तक

उसका राजस्थानी गाना


लगा एक कैंप नहीं

एक परिवार हैं हम

संग संग जीने का 

आधार हैं हम

एक इकाई, पड़ी दिखाई

भले संस्कृति रही 

सबकी अलग अलग

अलग अलग रही सबकी बोली

याद बहुत आती है मुझको

एयर फोर्स की अपनी होली

धूम मचाने जहां निकलती

बिंदास बैचलर्स की टोली.


वायु सेना की यादें,,,,,,,



प्रताप सिंह 

रि. वायु सैनिक 

भारतीय वायु सेना 

नागरिकता !

भारत का नागरिक होने के नाते मैं और मेरी नागरिकता मुझसे सवाल नहीं करती  मैं हिन्द देश का नागरिक हिंदू परिवार का हिंदुस्तान  यूं ही नहीं बना म...