एक तारा
फिर टूटा आज !
टूट के तोड़ गया
सारे भरम
रात
सहसा खड़ी देखती रही
टूटना, गुम हो जाना
बीज का
अनंत आकाश में ।
प्रिय मां , मां तीसरा दिन है आज तुम्हे गए हुए । तीन दिन से तुम्हारी आत्मा को शांति देने के लिए न जाने कितने प्रयत्न कर लिए हमने । पर तुम्हा...
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