तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
कोई है जो इन दिनों तितलियों के भेष में उड़ाती रंग पंखों से कोई है जो इन दिनों बारिशों के देश में भिगाती अंग फाहों से कोई है जो इन दिनों ...
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