तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
फिर झुंझलाकर मैने पूछा अपनी खाली जेब से क्या मौज कटेगी जीवन की झूठ और फरेब से जेब ने बोला चुप कर चुरूए भला हुआ कब ऐब से फिर खिसिया कर मैन...
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