ख़त्म न हों कहानियाँ !
कहानियाँ खत्म न हों
किरदार खत्म कर दो
ये सीख नही
कोई अनुभव भी नही
बीच का
कोई करार होगा शायद
भूल गलतियों के
न जाने कितने टेक चलते रहे
कहानी किरदार
आमने सामने
गुथते रहते
भीड़ के सामने दोनों
ऐसे खत्म होना चाहते हैं
याद किए जाएं वो
एक कहानी एक किरदार की तरह
अपनी आस पास की
कहानियों में !
कहानियाँ खत्म न हों
किरदार खत्म कर दो
ये सीख नही
कोई अनुभव भी नही
बीच का
कोई करार होगा शायद
भूल गलतियों के
न जाने कितने टेक चलते रहे
कहानी किरदार
आमने सामने
गुथते रहते
भीड़ के सामने दोनों
ऐसे खत्म होना चाहते हैं
याद किए जाएं वो
एक कहानी एक किरदार की तरह
अपनी आस पास की
कहानियों में !
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