महाप्रलय की सबसे बड़ी कवरेज !
जी हाँ सबसे बड़ी कवरेज! ये भी उतनी ही बड़ी त्रासदी है जितनी की केदारनाथ में।प्रकृति की इस सबसे बड़ी कवरेज में मीडिया और राजनीती की कवरेज भी उसी वेग से बढ़ रही है जिस वेग से मिलिट्री, आई टी बी पि, एन डी आर एस का रेस्क्यू आपरेशन बढ़ रहा है।इस महाप्रलय की महा कवरेज यूँ ही चलती रहेगी साल दर साल, बनते बिगड़ते रहेंगे आंकड़ो के समीकरण।आंकडें इस महाप्रलय की महाकव्रेज में फलाना टी वी के रिपोर्टर ने आपदा के कितने नजदीक जाकर अपनी दिलेरी दिखाई और चैनल द्वारा इस महाकाव्रेज के लिए कितना जोखिम उठाया गया। आंकड़े किस नेता ने कितनी बार प्राईम टाईम पर आकर अपनी चिंताए अपना शोक व्यक्त किया।किस पार्टी ने कितना सामन आपदा राहत में भेजा।आखिरकार जो दीखता है वही बिकता है।लेकिन इस महाप्रलय की महाकाव्रेज को जब जब दिखाया जायेगा तब तब इस महाप्रलय में अपना सब कुछ खो चुके महामानव के जख्मों पर महानमक छिडकता रहेग।जब तक ऐसी या इससे बड़ी महाप्रलय दोबारा न हो। क्यूकि दर्द ही दर्द को काटता है।
जी हाँ सबसे बड़ी कवरेज! ये भी उतनी ही बड़ी त्रासदी है जितनी की केदारनाथ में।प्रकृति की इस सबसे बड़ी कवरेज में मीडिया और राजनीती की कवरेज भी उसी वेग से बढ़ रही है जिस वेग से मिलिट्री, आई टी बी पि, एन डी आर एस का रेस्क्यू आपरेशन बढ़ रहा है।इस महाप्रलय की महा कवरेज यूँ ही चलती रहेगी साल दर साल, बनते बिगड़ते रहेंगे आंकड़ो के समीकरण।आंकडें इस महाप्रलय की महाकव्रेज में फलाना टी वी के रिपोर्टर ने आपदा के कितने नजदीक जाकर अपनी दिलेरी दिखाई और चैनल द्वारा इस महाकाव्रेज के लिए कितना जोखिम उठाया गया। आंकड़े किस नेता ने कितनी बार प्राईम टाईम पर आकर अपनी चिंताए अपना शोक व्यक्त किया।किस पार्टी ने कितना सामन आपदा राहत में भेजा।आखिरकार जो दीखता है वही बिकता है।लेकिन इस महाप्रलय की महाकाव्रेज को जब जब दिखाया जायेगा तब तब इस महाप्रलय में अपना सब कुछ खो चुके महामानव के जख्मों पर महानमक छिडकता रहेग।जब तक ऐसी या इससे बड़ी महाप्रलय दोबारा न हो। क्यूकि दर्द ही दर्द को काटता है।
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