तुम जहां कहीं भी
हो आसमान में
लौट सके तो
लौटना
तोड़ लाना तारे
मुट्ठी भर कुछ
मेरे लिए
रोज रात आसमान में
नजरें गड़ाए
ढूंढता हूं तुमको
अनगिनत तारों और
एक चंद्रमा के अलावा
कुछ नहीं देख पाता
यहां को छोड़ गए लोग
बताए जाते हैं
जाते हैं वहां आसमान में !
फिर झुंझलाकर मैने पूछा अपनी खाली जेब से क्या मौज कटेगी जीवन की झूठ और फरेब से जेब ने बोला चुप कर चुरूए भला हुआ कब ऐब से फिर खिसिया कर मैन...
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