तुम जहां कहीं भी
हो आसमान में
लौट सके तो
लौटना
तोड़ लाना तारे
मुट्ठी भर कुछ
मेरे लिए
रोज रात आसमान में
नजरें गड़ाए
ढूंढता हूं तुमको
अनगिनत तारों और
एक चंद्रमा के अलावा
कुछ नहीं देख पाता
यहां को छोड़ गए लोग
बताए जाते हैं
जाते हैं वहां आसमान में !
याद है तुम्हे ? बारिश का वो दिन ! पहाड़ की किसी सड़क पर बस स्टैंड हमें आश्रय देकर बचा रहा था , भीगने से हम भीगते तो क्या हो जाता ये हमें ...
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