तुम जहां कहीं भी
हो आसमान में
लौट सके तो
लौटना
तोड़ लाना तारे
मुट्ठी भर कुछ
मेरे लिए
रोज रात आसमान में
नजरें गड़ाए
ढूंढता हूं तुमको
अनगिनत तारों और
एक चंद्रमा के अलावा
कुछ नहीं देख पाता
यहां को छोड़ गए लोग
बताए जाते हैं
जाते हैं वहां आसमान में !
डिस्क्लेमर :- कहानी के सभी पात्र काल्पनिक हैं . जगह और समय भी काल्पनिक है . कहानी में किसी भी नाम और समाज का उपयोग , केवल वस्तुत्स्थ...
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