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सोमवार, 18 जुलाई 2022

बारिश का शोर !

उन्होंने सफेद कपड़े पहने हुए थे

सर पर सफेद गोल टोपियां
बच्चे भी थे साथ कुछ
रंगीन कपड़ों में
गली कूंचों से निकल
बढ़ रहे थे सब
शहर के एक छोर पर
एक बच्चा सीने से
सोया हुआ था
सफेद चादर में लिपटा
पिछली रात
गलक कर पिछली दीवाल ने
सुलाया था थपकी देकर
बारिश के शोर में
कई आवाज़ें शांत हो गईं।

मैं लौट आता हूं अक्सर ...

लौट आता हूं मैं अक्सर  उन जगहों से लौटकर सफलता जहां कदम चूमती है दम भरकर  शून्य से थोड़ा आगे जहां से पतन हावी होने लगता है मन पर दौड़ता हूं ...