तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
आवाज़ देता हूँ तो कोई आवाज़ आती नहीं पलट कर मेरे पास आवाज़ ढूंढती है मुझे और मेरे कानों को मैं छिपता फिरता भागता जा पहुचता हूँ कोलाहल म...