तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
लौट आता हूं मैं अक्सर उन जगहों से लौटकर सफलता जहां कदम चूमती है दम भरकर शून्य से थोड़ा आगे जहां से पतन हावी होने लगता है मन पर दौड़ता हूं ...