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रविवार, 8 सितंबर 2019

जुताई

तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन

कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !

कौन हो तुम ....

कौन हो तुम  जो समय की खिड़की से झांक कर ओझल हो जाती हो  तुम्हारे जाने के बाद  तुम्हारे ताज़ा निशान  भीनी खुशबू और  गुम हो जाने वाला पता  महस...