तके तके
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
हटे हटे
दाएं बाएं
गूने गूने
मन तन
कुसी धरे
बैलन पर
खेतन मा
टिबबल से
पानी झरे
छन छन !
कौन हो तुम जो समय की खिड़की से झांक कर ओझल हो जाती हो तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे ताज़ा निशान भीनी खुशबू और गुम हो जाने वाला पता महस...