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बुधवार, 24 जून 2015
बाज़ार में कुछ नयी सरकारी भर्तियाँ आने वाली हैं , दबे पाँव .... सूचना देने वाले ने कहा है कि किसी को कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए, वरना हल्ला मच जायेगा. पिछले कई मामले हो-हल्ला के कारण खटाई में पड़ गए थे ..... एक काम करवाने वाले से संपर्क हुआ है, कहता है “ मामला पक्का है, ज्यादा लोगों को मत बताना, केवल सगे सम्बन्धियों के लिए केस हाँथ में लेता हूँ”..... सुनो बेटा, फिर कह रहा हूँ ऐसे मौके बार बार नहीं आते, तुम बस फ़ार्म भर दो, बाकी का सब वो देख लेगा.......जी पापा....लेकिन पैसे ?..
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बारिश का वो दिन !
याद है तुम्हे ? बारिश का वो दिन ! पहाड़ की किसी सड़क पर बस स्टैंड हमें आश्रय देकर बचा रहा था , भीगने से हम भीगते तो क्या हो जाता ये हमें ...

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रानीखेत….रानीखेत से यूँही कुछ 20 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव है सौनी, वही सौनी जिसकी हर एक ईंट पर स्वर्गाश्रम बिनसर महादेव का आशीर्वाद है...
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भारत का नागरिक होने के नाते मैं और मेरी नागरिकता मुझसे सवाल नहीं करती मैं हिन्द देश का नागरिक हिंदू परिवार का हिंदुस्तान यूं ही नहीं बना म...
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लौट आता हूं मैं अक्सर उन जगहों से लौटकर सफलता जहां कदम चूमती है दम भरकर शून्य से थोड़ा आगे जहां से पतन हावी होने लगता है मन पर दौड़ता हूं ...